Array ( [id] => 177771 [skrut] => _263 [md5] => [id_user] => 0 [id_zyczenie] => 0 [kategorie_cyfry] => ([0][684])([0][685]) [tresc] => *अरदास* दो जलचर दो वनचर दो विप्र दो सूर ! दो वन माही करे तपस्या भक्त हृदय भरपूर !! प्रथम भगवान को सुमिरिये विष्णु जी करें सहाय ! यक्ष पुरुष नर नारायण को ध्याइये जिस डिठ्यां सब दुःख जाय ! मच्छ, कच्छ, वाराह को सुमिरिये नरसिंह रूप वसाय ! श्री वामन हरि का नाम लो घर आवे नवनिद्धि पाय ! श्री परशुराम, श्री रामचन्द्र जी को सुमिरिये जो प्रकट करे सहाय ! मुख पुनीत रसना पवित्र घट-घट रहे समाय ! श्री कृष्णचन्द्र भगवान श्री बुद्ध-भगवान, त्रिलोकी नाथ जगत रक्षक हाजिर नाजिर निरंजन निराकार ! ज्योति स्वरुप कल्कि अवतार अखिल जगत के रक्षपात सब थाईं होत सहाय !सब थाईं होत सहाय ! धन्य धन्य श्री गंगा माता तरन-तारनी सब दुःख निवारनर तेरी महिमा कहि न जाय ! चार धाम चौरासी अड्डे तीन सौ साठ तीर्थों का ध्यान धर के बोलना जी, श्री राम, श्री राम, श्री राधेश्याम ! चार खानी, चार बानी, चन्द्र, सूर्य, पवन, पानी, धरती, आकाश, पाताल, तैंतिस करोड़ देवी-देवताओं का ध्यान धर के बोलना जी, श्री राम, श्री राम, श्री राधेश्याम ! गंगा, यमुना, सिन्धु, सरस्वती सब तीर्थों, गुरुद्वारों, सन्तों, महन्तों, भक्तों का ध्यान धर के बोलना जी, श्री राम श्री राम श्री राधेश्याम ! ध्रुव भक्त, प्रहलाद भक्त, राजा हरीशचन्द्र, राजा बलीचन्द्र, तिनकि कमाई का ध्यान धर के बोलना जी, श्री राम श्री राम श्री राधेश्याम ! दीनाबन्धु दीनानाथ सर्वशक्तिमान आरती की अरदास, हनुमान चालीसा की अरदास, संकटमोचन की अरदास, श्री मदभागवत की अरदास, भूल चूक वाधा घाटा माफ, भक्तों के कारज रास, जहां जहां भक्त तहां तहां भगवान, शिखा सूत्र को टेक, गऊ माता वृद्धि, भक्त की लाज, राम-नाम का बोलबाला, रैन दिवस सब होत सुखाला ! कृपा सिन्धु !! जो कोई आवे आस कर, काम उनके रास कर ! जो बोलेगा सो निहाल होवेगा, बोल श्री राजा रामचन्द्र की जय ! बोल राम लक्ष्मण तेरी सदा ही जय ! प्रिंटिड बाय संदीप कुमार 7051278262 [arr] => [kartka] => 28 [kartka_typ] => v1 [title] => अरदास [fanow] => 0 [srednia] => 3.00 [glosowanie] => [glosow] => 0 [punktacja] => 0 [licznik] => 1 [ost_pobranie] => 0 [ip] => 117.98.96.13 [data] => 1660722648 [automat] => 0 [id_pop] => 177770 [id_next] => 177772 )